Saturday, October 4, 2014



समन्दर को हमेशा ही ये पता होता है
के उसकी राह तक रहा एक किनारा होता है
उछलते मचलते लहरों को संभलने का एक सहारा होता है
किनारे की प्यास ना बुझी है कभी, ना बुझेगी
जितना भी समेट लो नजर में इस सागर को
उसका अक्स हमेशा ही आधा अधुरा होता है
किनारे से कटकर न समंदर रह सका है कभी
ना समंदर से कट के किनारे को अपना वजूद गवारा होता है
सदियों से बह रही इस कहानी का
न कोई पता है, न कोई ठिकाना होता है
जहाँ मिल जाए साहिल दरिया से
बस वही से शुरू इनका फ़साना होता है
यहाँ ना हकीकत ख्वाब से परे है
ना ख्वाब हकीकत से जुदा होता है
ये वो कहानी है
जहाँ ना कभी पाना होता है
और ना ही खोना होता है
- जीवनीका

Wednesday, July 9, 2014

जिंदगी का हर लम्हा
फ़साना सा बनाता गया
हर आवाज का कोई
तराना सा बनाता गया
जिंदगी तलाश ने
हमें जिन्दा सा रखा
और हम ये पूछते रह गए
तुने ऐसा क्यूँ किया
जिन्दा तो रखा
पर जीने ना दिया

Friday, June 13, 2014



पुराने जख्म है के भरते नहीं
हम उस गम से उभरते नहीं
बता ए जालिम जिंदगी
क्या खता है तेरी हम से
ये सितम के आलम है के गुजरते नहीं


  तेरे आगे भी नहीं तेरे बाद भी नहीं
  तेरे सामने भी नहीं तेरे साथ भी नहीं
  रुकी हुई है जिंदगी बिच सड़क में ऐसे
  ना आगाज है ये और अंजाम भी नहीं
  मेरा वजूद ढूंढ रही है मेरी जिंदगी यहाँ
  ना कल था कही और आज भी नहीं
  फ़साना सी बन गई है जिंदगी की कहानी
  न हकीकत है ये और ख्वाब भीं नहीं

Wednesday, October 10, 2012

बहा था जो सैलाब जनाजे में मेरे
जला था कभी वो मेरी जिंदगी देखकर
बस एक छोटीसी
उड़ान की कमी है
एक छोटी मुस्कान
की कमी है
इस  काली अँधेरी रात में
बस  एक चाँद की कमी है


Tuesday, May 22, 2012

जाने क्यों ज़माने से
समझदारी का बोझ ढोते रहे
बड़ी  आसान तो ये
दुनियादारी निकली

Thursday, February 23, 2012

ए दिल

ए दिल
जा, उड़ जा परिंदे की तरह
जा तुजे मैंने आजाद किया
उड़ जा छुले आसमान
मेरी पंखो में जान नहीं
पर तेरी किस्मत में उड़न है
जा उस जा छुले आसमा
जा बादलों के संग उड़
पानी में तैर
में तुजे देखूंगा
हवाओ की आहट सुन
जा कर ले जन्नत की सैर
में तुझे देखूंगा
पर तुम कभी मत देखना मुझे
क्योंकि
जब भी तुम मुझे दूर से देखोगे
एक छोटे तिनके की तरह पाओगे
मुझे साथ लेकर जाना चाहोगे
पर खुद उड़ना भूल जाओगे
लोटकर वापस चले आओगे
मेरा साया बनकर रह जाओगे
में नहीं चाहता की तुम वापस आओ
इसलिए
तुम मुझे मत देखना
में तुझे देखता रहूँगा
में तुझे देखता रहूँगा
जिंदगी का हर लम्हा
फ़साना सा बनाता गया
हर आवाज का कोई
तराना सा बनाता गया
जिंदगी तलाश ने
हमें जिन्दा सा रखा
ओउर हम ये पूछते रह गए
तुने ऐसा क्यूँ किया
जिन्दा तो रखा
पर जीने ना दिया

Thursday, December 1, 2011

तो कुछ बात है

चेहरा तो सब देखते है
तु जो आँखे पढ़ पाए
तो कुछ बात है

आवाज तो सब सुनते है
तु जो ख़ामोशी सुन पाए
तो कुछ बात है

साथ तो सब चलेंगे
तु जो मंजिल तक ले जाए
तो कुछ बात है

वादे तो कोई भी कर ले
तु जो खुद वादा बन जाए
तो कुछ बात है

कसमे खाना कोई बड़ी बात नहीं
पर तु जो कसम मुझे बनाये
तो कुछ बात है

टुकड़ों में तो सब चाहेंगे
तु जो पूरा अपनाए
तो कुछ बात है

Monday, November 14, 2011

अपने हाथों से लकीरों को धो डालोगे

तो क्या किस्मत बदल जाएगी?

अपनी आँखों को जो मुंद लोगे

तो क्या तसवीर बदल जाएगी?

खुदा से जो डरकर करोगे

तो क्या जन्नत चली आएगी?

पर एक बार तु खुद को बदल के देख तो ले

हर नयी राह तेरी ओर चली आएगी

Friday, November 11, 2011

गम

ग़मों ने जब भी
दस्तक दी थी दरवाजे पे
तो हमने पूछा था उनसे
'क्यों आये हो तुम '
उसने कहा था हर बार
'तुम ही तो थे जो
बोझ को ढोते रहे
आँखों में अश्क संजोते रहे
खुशियाँ तो आई थी दर पे तेरे
पर तुम ही मेरी राह तकते रहे
हम तो भूलना चाहते थे
तेरे घर का रास्ता
पर तुम ही खुशियों से बढकर
हमें अपना समझते रहे '

Thursday, November 10, 2011

काँरवा

अकेले चले चल ए मुसाफिर
मंजिल तुझे पुकार रही है
काँरवे की राह देखोगे
तो मंजिल को देख भी नहीं पाओगे
भीड़ में यूँ खो जाओगे
खुद को ही भूल जाओगे
राह से भटक जाओगे
पराए बोझ से दब जाओगे
और फिर एक दिन ऐसा आएगा
मंजिल से डर लगेगा
और काँरवे से प्यार करोगे

राह

घना अँधेरा है
साया भी नजर नहीं आता
थोडा वक्त दे
नजर को आदत हो जाएगी

काँटे बिछे है हर जगह
कहीं राह नहीं
थोड़े कदम बढ़ा
राह खुद ही बन जाएगी

काँटे चुभेंगे खून बहेगा
पर थोडा चल
तेरी आदत बन जाएगी

पर चलते चलते ना भूलना
राह से हर काटा चुन लेना
हो सके तो फुल भी खिला देना
अपने पसीने का थोडा पानी बहा देना
ताकि तेरे बाद आने वाले को
तु नजर आए ना आए
तेरी राह तो नजर आती रहेगी

Tuesday, November 8, 2011

अपना

हसते तो हम रहेंगे
सोचने की बात नहीं
रोए भी कभी तो
चोंकने की बात नहीं
पर देखो जो कभी
रोते हुए हमें
तो बस इतना कर लेना
जाते जाते हो सके तो
बस एक नजर देख लेना
क्योंकि
हसते हुए तो तुम हमें
कई बार देखोगे
पर रोते हुए शायद
पहली बार देखोगे
इसलिए
गर देखा जो कभी रोते हुए हमें
तो इतना समझ लेना
परे तो थे तुम कभी
पर हमने तुम्हे अपना है माना