Wednesday, October 10, 2012

बहा था जो सैलाब जनाजे में मेरे
जला था कभी वो मेरी जिंदगी देखकर
बस एक छोटीसी
उड़ान की कमी है
एक छोटी मुस्कान
की कमी है
इस  काली अँधेरी रात में
बस  एक चाँद की कमी है


Tuesday, May 22, 2012

जाने क्यों ज़माने से
समझदारी का बोझ ढोते रहे
बड़ी  आसान तो ये
दुनियादारी निकली

Thursday, February 23, 2012

ए दिल

ए दिल
जा, उड़ जा परिंदे की तरह
जा तुजे मैंने आजाद किया
उड़ जा छुले आसमान
मेरी पंखो में जान नहीं
पर तेरी किस्मत में उड़न है
जा उस जा छुले आसमा
जा बादलों के संग उड़
पानी में तैर
में तुजे देखूंगा
हवाओ की आहट सुन
जा कर ले जन्नत की सैर
में तुझे देखूंगा
पर तुम कभी मत देखना मुझे
क्योंकि
जब भी तुम मुझे दूर से देखोगे
एक छोटे तिनके की तरह पाओगे
मुझे साथ लेकर जाना चाहोगे
पर खुद उड़ना भूल जाओगे
लोटकर वापस चले आओगे
मेरा साया बनकर रह जाओगे
में नहीं चाहता की तुम वापस आओ
इसलिए
तुम मुझे मत देखना
में तुझे देखता रहूँगा
में तुझे देखता रहूँगा
जिंदगी का हर लम्हा
फ़साना सा बनाता गया
हर आवाज का कोई
तराना सा बनाता गया
जिंदगी तलाश ने
हमें जिन्दा सा रखा
ओउर हम ये पूछते रह गए
तुने ऐसा क्यूँ किया
जिन्दा तो रखा
पर जीने ना दिया