चेहरा तो सब देखते है
तु जो आँखे पढ़ पाए
तो कुछ बात है
आवाज तो सब सुनते है
तु जो ख़ामोशी सुन पाए
तो कुछ बात है
साथ तो सब चलेंगे
तु जो मंजिल तक ले जाए
तो कुछ बात है
वादे तो कोई भी कर ले
तु जो खुद वादा बन जाए
तो कुछ बात है
कसमे खाना कोई बड़ी बात नहीं
पर तु जो कसम मुझे बनाये
तो कुछ बात है
टुकड़ों में तो सब चाहेंगे
तु जो पूरा अपनाए
तो कुछ बात है
यूं तो प्यार सभी किया करते हैं मगर साचे प्यार की एहसासों को जो अपना पाये तो उसकी कुछ और ही बात होती है। प्यार के एहसासों से सजी खूबसूरत प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका भी स्वागत है
ReplyDeletethank u!!
Deleteएक खूबसूरत रचना!!!!
ReplyDeleteलगता है आपका अंदाज शायराना है ! क्या क्या लिखती है आप ?
ReplyDeleteलेखनासाठी शुभेच्छा.
शुक्रिया, thank u so much!!
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