Thursday, December 1, 2011

तो कुछ बात है

चेहरा तो सब देखते है
तु जो आँखे पढ़ पाए
तो कुछ बात है

आवाज तो सब सुनते है
तु जो ख़ामोशी सुन पाए
तो कुछ बात है

साथ तो सब चलेंगे
तु जो मंजिल तक ले जाए
तो कुछ बात है

वादे तो कोई भी कर ले
तु जो खुद वादा बन जाए
तो कुछ बात है

कसमे खाना कोई बड़ी बात नहीं
पर तु जो कसम मुझे बनाये
तो कुछ बात है

टुकड़ों में तो सब चाहेंगे
तु जो पूरा अपनाए
तो कुछ बात है

5 comments:

  1. यूं तो प्यार सभी किया करते हैं मगर साचे प्यार की एहसासों को जो अपना पाये तो उसकी कुछ और ही बात होती है। प्यार के एहसासों से सजी खूबसूरत प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका भी स्वागत है

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  2. लगता है आपका अंदाज शायराना है ! क्या क्या लिखती है आप ?
    लेखनासाठी शुभेच्छा.

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    1. शुक्रिया, thank u so much!!

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