मेरे दिल की जो आवाज है
हर पल जो मेरे साथ है
चाहे कोई इसे सुने न सुने
में इसे जरुर सुनती हूँ
किसी और से कुछ बोलू न बोलू
इससे बैठकर दो बाते जरुर करती हूँ
पल दो पल ही सही लगता है कोई साथ तो है
किसी को मेरे साथ का एहसास तो है
Tuesday, May 22, 2012
जाने क्यों ज़माने से
समझदारी का बोझ ढोते रहे
बड़ी आसान तो ये
दुनियादारी निकली