तेरे आगे भी नहीं तेरे बाद भी नहीं
तेरे
सामने भी नहीं तेरे साथ भी नहीं
रुकी हुई है जिंदगी बिच सड़क में ऐसे
ना
आगाज है ये और अंजाम भी नहीं
मेरा वजूद ढूंढ रही है मेरी जिंदगी यहाँ
ना कल
था कही और आज भी नहीं
फ़साना सी बन गई है जिंदगी की कहानी
न
हकीकत है ये और ख्वाब भीं नहीं
No comments:
Post a Comment