चेहरा तो सब देखते है
तु जो आँखे पढ़ पाए
तो कुछ बात है
आवाज तो सब सुनते है
तु जो ख़ामोशी सुन पाए
तो कुछ बात है
साथ तो सब चलेंगे
तु जो मंजिल तक ले जाए
तो कुछ बात है
वादे तो कोई भी कर ले
तु जो खुद वादा बन जाए
तो कुछ बात है
कसमे खाना कोई बड़ी बात नहीं
पर तु जो कसम मुझे बनाये
तो कुछ बात है
टुकड़ों में तो सब चाहेंगे
तु जो पूरा अपनाए
तो कुछ बात है